Who is Bhupen Hazarika Know them Today:

Who is Bhupen Hazarika Know them Today: कौन हैं भूपेन हजारिका जान लो आज

Who is Bhupen Hazarika Know them Today:     

Who is Bhupen Hazarika Know them Today:  कौन हैं भूपेन हजारिका जान लो आज

दोस्‍तों आज हम जानेंगें भूपेन हजारिका के बारे में कौन हैं, कहां के हैं और उनकी क्‍या- क्‍या उपलब्धियां हैं। और आज इतने चर्चित क्‍यों हैं ।

जीवन परिचय-

Who is Bhupen Hazarika Know them Today: कौन हैं भूपेन हजारिका जान लो आज- तो चलिए उनके बारे में आपको बताते हैं- 

भूपेन हजारिका- असमिया भाषा में सही उच्‍चारण भूपेन हाजोरिका ।

जन्‍म – 8 सितम्‍बर 1926

जन्‍म स्‍थान- असम के तिनसुकिया जिले के सदिया में

पिता- नीलकांत

माता- शांतिप्रिया

शिक्षा- 13 साल की आयु में तेजपुर से मैट्रिक। सन्‍ 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कालेज से इण्‍टरमीडिएट । 1946 में बनारस हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम0 ए0 किया । न्‍यूयार्क स्थित कोलंबिया विश्‍वविद्यालय से उन्‍होंनें पीएचडी की डिग्री प्राप्‍त की ।

मृत्‍यु- 5 नवम्‍बर 2011

हजारिका बारें में

भूपेन हजारिका मुख्‍य रुप से भारत देश के पूर्वोत्‍तर राज्‍य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, लोक गीतकार, संगीतकार और गायक थे । इसके अतिरिक्‍त वे असमिया भाषा के प्रख्‍यात कवि, फिल्‍म निर्माता, लेखक और असमिया संस्‍कृति और संगीत के विशेष जानकार थे ।

उन्‍होंनें अपना पहला गीत 10 वर्ष की अवस्‍था में लिखा और गाया ।

भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) जी एक अलग ही प्रकार की विलक्षण कला के धनी थे, जो अपने गीत खुद लिखते थे संगीतबद्ध करते थे और खुद ही गाते भी थे । उनको दक्षिण एशिया के श्रेष्‍ठतम जीवित सांस्‍कृतिक दूतों  में से एक माना जाता है। 

वे कविता लेखन, गायन, पत्रकारिता, फिल्‍म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में अदा किये ।

हजारिका के गीतों को उनके फैंस ने बहुत पसंद किया तथा भारत में भी शायद ही कोई ऐसा हो जिसने उनके गीतों को सुना हो और उनके गीत संगीत का मुरीद न हुआ हो।

उनकी असरदार आवाज में उनका गीत “ दिल हूम हूम करे” और “ गंगा तू बहती क्‍यों है क्‍यों” जिसने भी सुना होगा वह यह नहीं कह सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। 

       उन्‍होंने कविता लेखन, गायन, पत्रकारिता, फिल्‍म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में अपनी भूमिका बखूबी अदा की ।

भूपेन हजारिका के गीतों को उनके फैंस ने बहुत पसंद किया तथा भारत में भी शायद ही कोई ऐसा हो जिसने उनके गीतों को सुना हो और उनके गीत संगीत का मुरीद न हुआ हो।

उनकी असरदार आवाज में उनका गीत “ दिल हूम हूम करे” और “ गंगा तू बहती क्‍यों है क्‍यों” जिसने भी सुना होगा वह यह नहीं कह सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला।

हजारिका जी वैसे तो मूलत: असम के थे किन्‍तु उन्‍होंने असमिया के साथ-साथ हिंदी, बंगला समेत कई अन्‍य भाषाओं में भी गीत गाये हैं ।

प्रसिद्ध फिल्‍म “ गांधी टू हिटलर “ में महात्‍मा गांधी का पसंदीदा भजन “ वैष्‍णव जन तो तेने कहिए, जे पीर परायी जांणे रे “ उन्‍होंने ही गया था ।

सन्‍ 2011 में भूपेन जी को भारत सरकार द्वारा उन्‍हें पद्म भूषण पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। मरणोपरांत 2011 में उन्‍हें भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया ।

वे सन्‍ 1967 से 1972 तक असम लेजिस्‍लेटिव असेम्बिली के सदस्‍य भी रहे । भारत सरकार ने सन्‍ 2016 में उनके नाम तथा चित्र के साथ 500 रुपये का डाक टिकट भी जारी किया है ।         

उन्‍हें क्षेत्रीय फिल्‍म के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 1975 में, दादा साहब फाल्‍के पुरस्‍कार 1992 में तथा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड तथा असोम रत्‍न 2009 में दिया गया । आज के भारत देश में गूगल ने अपने मुख्‍य पेज पर डूडल के साथ उनको श्रद्धंजलि दी है ।

भूपेन हजारिका जी के कुछ मुख्‍य गीत व चलचित्र –

मुख्‍य गीत 
मुख्‍ य चलचित्र

असोम अमार रुपाहि

ऑटोरिक्‍शा चलाओ

बिश्टिर्ना पाडरे

दिल हूम हूम करे ।

विस्‍तीण दुपारे

सागर संगमें

आज जीवन खुंजे पाबि

मानुहे

मोइ एटि जजबार

समय ओ धीरे चलो

गजगामिनी

इन्‍दुमालती

सिराज

एरा बातोर सुर

का स्‍बरिति

लाटि-घाटि

चिक मिक बिजुलि

आरोप

देबदास

अपरुपा

एक पल

रुदाली

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